● द्विघात समीकरण - जिस बहुपद की घात 2 होती है, द्विघात समीकरण कहलाता है। इसका मानक रूप ax2 + bx + c = 0 होता है।
● कुछ समीकरणों का सरलीकरण करके द्विघात समीकरण के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
● द्विघात बहुपद ax2 + bx + c के शून्यक और द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के मूल एक (समान) ही हैं।
● किसी भी द्विघात बहुपद के अधिकतम 2 शून्यक ज्ञात किये जा सकते हैं, इसी प्रकार किसी भी द्विघात समीकरण के अधिकतम 2 मूल ज्ञात किये जा सकते हैं।
● द्विघात समीकरण के मूल ज्ञात करने के लिए पहले द्विघात बहुपद को दो रैखिक गुणनखण्डों में गुणनखंडित करते हैं, फिर दोनों गुणनखण्डों को क्रमशः शून्य के बराबर रखकर मूल ज्ञात किये जाते हैं।
● किसी भी द्विघात बहुपद को (x + a)2 - b2 = 0 के रूप में बदला जा सकता है और फिर द्विघात बहुपद के शून्यक या द्विघात बहुपद के मूल ज्ञात किये जा सकते हैं। इसे पूर्ण वर्ग बनाने की विधि कहा जाता है।
● अगर किसी द्विघात समीकरण में x2 का गुणांक पूर्ण वर्ग न हो तो समीकरण में x2 के गुणांक से गुणा करते हैं या किसी ऐसी संख्या से भाग देते हैं जिससे कि x2 का गुणांक पूर्ण वर्ग हो जाए और (x + a)2 - b2 = 0 के रूप में बदला जाता है।
● द्विघाती सूत्र - अगर b2 - 4ac शून्य या कोई धनात्मक मान है, तो द्विघात समीकरण ax2 + by + c = 0 के मूल - b +/- √b2-4ac ÷ 2a होते हैं, इसे द्विघाती सूत्र कहते हैं।
● मूलों की प्रकृति - द्विघात समीकरण ax2 + by + c = 0 के मूल -
* दो अलग-अलग वास्तविक मूल
-b/2a + √b2-4ac/2a होंगे, यदि
b2 - 4ac > 0
* दो समान वास्तविक मूल -b/2a होंगे, यदि
b2 - 4ac = 0
* कोई भी वास्तविक मूल नहीं होगा, यदि
b2 - 4ac < 0
● कुछ समीकरणों का सरलीकरण करके द्विघात समीकरण के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
● द्विघात बहुपद ax2 + bx + c के शून्यक और द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के मूल एक (समान) ही हैं।
● किसी भी द्विघात बहुपद के अधिकतम 2 शून्यक ज्ञात किये जा सकते हैं, इसी प्रकार किसी भी द्विघात समीकरण के अधिकतम 2 मूल ज्ञात किये जा सकते हैं।
● द्विघात समीकरण के मूल ज्ञात करने के लिए पहले द्विघात बहुपद को दो रैखिक गुणनखण्डों में गुणनखंडित करते हैं, फिर दोनों गुणनखण्डों को क्रमशः शून्य के बराबर रखकर मूल ज्ञात किये जाते हैं।
● किसी भी द्विघात बहुपद को (x + a)2 - b2 = 0 के रूप में बदला जा सकता है और फिर द्विघात बहुपद के शून्यक या द्विघात बहुपद के मूल ज्ञात किये जा सकते हैं। इसे पूर्ण वर्ग बनाने की विधि कहा जाता है।
● अगर किसी द्विघात समीकरण में x2 का गुणांक पूर्ण वर्ग न हो तो समीकरण में x2 के गुणांक से गुणा करते हैं या किसी ऐसी संख्या से भाग देते हैं जिससे कि x2 का गुणांक पूर्ण वर्ग हो जाए और (x + a)2 - b2 = 0 के रूप में बदला जाता है।
● द्विघाती सूत्र - अगर b2 - 4ac शून्य या कोई धनात्मक मान है, तो द्विघात समीकरण ax2 + by + c = 0 के मूल - b +/- √b2-4ac ÷ 2a होते हैं, इसे द्विघाती सूत्र कहते हैं।
● मूलों की प्रकृति - द्विघात समीकरण ax2 + by + c = 0 के मूल -
* दो अलग-अलग वास्तविक मूल
-b/2a + √b2-4ac/2a होंगे, यदि
b2 - 4ac > 0
* दो समान वास्तविक मूल -b/2a होंगे, यदि
b2 - 4ac = 0
* कोई भी वास्तविक मूल नहीं होगा, यदि
b2 - 4ac < 0
All Mathematics Chapters Notes for 10th standard :-
अध्याय - 1 वास्तविक संख्याए
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म
अध्याय 4 द्विघात समीकरण
अध्याय 5 समांतर श्रेढ़ी
अध्याय 6 त्रिभुज
अध्याय 7 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 8 त्रिकोणमिति का परिचय
अध्याय 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म
अध्याय 4 द्विघात समीकरण
अध्याय 5 समांतर श्रेढ़ी
अध्याय 6 त्रिभुज
अध्याय 7 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 8 त्रिकोणमिति का परिचय
अध्याय 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
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