● वृत्त की परिधि (circumference) - वृत्त की वक्रीय (curve) सीमा की लंबाई उसका परिमाप (perimeter) होती है, परन्तु वृत्त के परिमाप को हम परिधि कहते हैं।
● वृत्त की परिधि का उसके व्यास (diameter) के साथ एक अचर अनुपात (constant ratio) होता है, जिसे हम एक यूनानी अक्षर π (पाई) से दर्शाते हैं।
* परिधि/व्यास = π
* परिधि = व्यास x π
या
* परिधि = 2r x π (r वृत्त की त्रिज्या है)
या
* परिधि = 2πr
● π एक अपरिमेय संख्या (irrational number) है, जिसका दशमलव प्रसार (decimal expansion) अनवसानी अनावृत्ति (non-terminating non recurring) है। फिर भी हम प्रश्नों को हल करने के लिए π का मान 22/7 या 3.14 रखते हैं।
● त्रिज्यखंड (sector) - वृत्त के अभ्यंतर में वह क्षेत्र जो दो त्रिज्याओं और संगत चाप से घिरा हो, वृत्त का त्रिज्यखंड होता है।
● वृत्तखंड (segment of circle) - वृत्त के अभ्यंतर (interior) में वह क्षेत्र जो वृत्त की जीवा (chord) और संगत चाप (arc) से घिरा हो, वृत्त का वृत्तखंड होता है।
● कम क्षेत्रफल वाले त्रिज्यखंड को लघु त्रिज्यखंड (minor sector) और अधिक क्षेत्रफल वाले त्रिज्यखंड को दीर्घ त्रिज्यखंड (major sector) कहते हैं। इसी प्रकार लघु वृत्तखंड (minor segment) और दीर्घ वृत्तखंड (major segment) होते हैं।
● यदि एक त्रिज्यखंड में जीवाओं द्वारा वृत्त के केंद्र पर बने कोण का मान n° है, तो -
त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल ( area of sector)= n/360 x πr2
● यदि एक त्रिज्यखंड में जीवाओं द्वारा वृत्त के केंद्र पर बने कोण का मान n° है, तो -
त्रिज्यखंड के संगत चाप की लंबाई (length of the arc of sector) = n/360 x 2πr
● वृत्तखंड का क्षेत्रफल (area of segment) = संगत त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल - संगत त्रिभुज का क्षेत्रफल
● जब दो संयोजित आकृतियों (joint shapes) में से किसी एक या दोनों का क्षेत्रफल ज्ञात करना हो, तो -
* किसी आकृति के अभ्यंतर (interior) में अन्य आकृतियाँ संयोजित हैं, तो पहले बड़ी आकृति का क्षेत्रफल ज्ञात करके अभ्यंतर वाली आकृतियों का क्षेत्रफल घटाओ या अन्य संक्रिया (operation) करो जो कहा गया हो।
* आकृति को ध्यानपूर्वक देखो कि यह किस आकृति का भाग है।
* संयोजित आकृतियों में सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करें, तभी कोई हल सम्भव है।
● वृत्त की परिधि का उसके व्यास (diameter) के साथ एक अचर अनुपात (constant ratio) होता है, जिसे हम एक यूनानी अक्षर π (पाई) से दर्शाते हैं।
* परिधि/व्यास = π
* परिधि = व्यास x π
या
* परिधि = 2r x π (r वृत्त की त्रिज्या है)
या
* परिधि = 2πr
● π एक अपरिमेय संख्या (irrational number) है, जिसका दशमलव प्रसार (decimal expansion) अनवसानी अनावृत्ति (non-terminating non recurring) है। फिर भी हम प्रश्नों को हल करने के लिए π का मान 22/7 या 3.14 रखते हैं।
● त्रिज्यखंड (sector) - वृत्त के अभ्यंतर में वह क्षेत्र जो दो त्रिज्याओं और संगत चाप से घिरा हो, वृत्त का त्रिज्यखंड होता है।
● वृत्तखंड (segment of circle) - वृत्त के अभ्यंतर (interior) में वह क्षेत्र जो वृत्त की जीवा (chord) और संगत चाप (arc) से घिरा हो, वृत्त का वृत्तखंड होता है।
● कम क्षेत्रफल वाले त्रिज्यखंड को लघु त्रिज्यखंड (minor sector) और अधिक क्षेत्रफल वाले त्रिज्यखंड को दीर्घ त्रिज्यखंड (major sector) कहते हैं। इसी प्रकार लघु वृत्तखंड (minor segment) और दीर्घ वृत्तखंड (major segment) होते हैं।
● यदि एक त्रिज्यखंड में जीवाओं द्वारा वृत्त के केंद्र पर बने कोण का मान n° है, तो -
त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल ( area of sector)= n/360 x πr2
● यदि एक त्रिज्यखंड में जीवाओं द्वारा वृत्त के केंद्र पर बने कोण का मान n° है, तो -
त्रिज्यखंड के संगत चाप की लंबाई (length of the arc of sector) = n/360 x 2πr
● वृत्तखंड का क्षेत्रफल (area of segment) = संगत त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल - संगत त्रिभुज का क्षेत्रफल
● जब दो संयोजित आकृतियों (joint shapes) में से किसी एक या दोनों का क्षेत्रफल ज्ञात करना हो, तो -
* किसी आकृति के अभ्यंतर (interior) में अन्य आकृतियाँ संयोजित हैं, तो पहले बड़ी आकृति का क्षेत्रफल ज्ञात करके अभ्यंतर वाली आकृतियों का क्षेत्रफल घटाओ या अन्य संक्रिया (operation) करो जो कहा गया हो।
* आकृति को ध्यानपूर्वक देखो कि यह किस आकृति का भाग है।
* संयोजित आकृतियों में सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करें, तभी कोई हल सम्भव है।
* एक जैसी आकृतियों का क्षेत्रफल बार-बार ज्ञात करने की कोई आवश्यकता नहीं होती। एक जैसी आकृतियाँ जितनी बार हों, उतने से गुणा (multiply) करके सभी एक जैसी आकृतियों का क्षेत्रफल ज्ञात हो जाता है।
All Mathematics Chapters Notes for 10th standard :-
अध्याय - 1 वास्तविक संख्याए
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म
अध्याय 4 द्विघात समीकरण
अध्याय 5 समांतर श्रेढ़ी
अध्याय 6 त्रिभुज
अध्याय 7 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 8 त्रिकोणमिति का परिचय
अध्याय 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 दो चरों वाले रैखिक समीकरण युग्म
अध्याय 4 द्विघात समीकरण
अध्याय 5 समांतर श्रेढ़ी
अध्याय 6 त्रिभुज
अध्याय 7 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 8 त्रिकोणमिति का परिचय
अध्याय 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
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