● ज्यामिति (geometry) शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों geo अर्थात 'पृथ्वी' और metrein अर्थात 'मापना' से मिलकर बना है।
● पिरामिड (pyramid) - वह ठोस आकृति (solid shape) जिसका आधार एक त्रिभुज/वर्ग/बहुभुज होता है और इसके पार्श्व फलक (side faces) एक ही बिंदु पर मिलने वाले त्रिभुज होते हैं।
● 'वृत्त (circle) का व्यास (diameter) वृत्त को दो बराबर भागों में बाँटता है।' इस कथन की सबसे पहले उपपत्ति (proof) थेल्स नामक एक यूनानी गणितज्ञ (mathematician) ने दी प्रस्तुत की।
● पाइथागोरस ने पाइथागोरस प्रमेय (pythagoras theorem) की खोज की। वह थेल्स (Thales) का सबसे प्रसिद्ध शिष्य (disciple) था।
● पृष्ठ (surface) - ठोस की परिसीमाएँ (limitations) पृष्ठ कहलाती है।
● वक्र (curve) - पृष्ठों की परिसीमाएँ वक्र या रेखाएँ (lines) होती हैं।
● बिंदु (point) - रेखाओं के सिरों को बिंदु कहते हैं।
● ठोस (solid) की तीन विमाएँ (dimensions) होती हैं। एक पृष्ठ की दो विमाएँ और रेखा की एक विमा। इसीलिए ठोस को त्रिविमीय आकृतियाँ (3D Shapes) कहते हैं।
* रेखा (line) वह लम्बाई है जिसकी कोई चौड़ाई (width) नहीं होती है।
* एक रेखा के सिरे बिंदु होते हैं।
* एक सीधी रेखा वह रेखा है जो स्वयं पर बिंदुओं के साथ सपाट (flat) रूप से स्थित होती है।
* पृष्ठ (surface) की केवल लम्बाई और चौड़ाई होती हैं।
* पृष्ठ के किनारे (edges) रेखाएँ होती हैं।
* समतल पृष्ठ (plane surface) वह पृष्ठ होता है जो स्वयं पर सीधी रेखाओं के साथ सपाट रूप से स्थित होता है।
● अभिधारणाएँ (postulates) - यूक्लिड की वे कल्पनाएँ जो विशिष्ट रूप से ज्यामिति (gemetry) से सम्बन्धित थी।
● अभिगृहीत (anxioms) - यूक्लिड की वे कल्पनाएँ जो गणित में लगातार प्रयोग होती रही और ये विशेष रूप से ज्यामिति से सम्बंधित नहीं थीं। इन्हें सामान्य अवधारणाएँ (general concepts) भी कहते हैं।
* अगर बराबरों को बराबरों में जोड़ा जाए, तो पूर्ण (whole) भी बराबर होते हैं।
* अगर बराबरों को बराबरों से घटाया जाए, तो शेषफल भी बराबर होते हैं।
* संपाती वस्तुएँ परस्पर बराबर होती हैं।
* पूर्ण अपने भाग से बड़ा होता है।
* एक ही वस्तुओं के दोगुने (double) आपस में बराबर होते हैं।
* एक ही वस्तुओं के आधे आपस में बराबर होते हैं।
* दो भिन्न बिंदुओं से होकर एक अद्वितीय रेखा (unique line) खींची जा सकती है।
* एक सांत रेखा (terminated line) को अनिश्चित रूप (uncertainty) से बढ़ाया जा सकता है।
* किसी बिंदु को केंद्र (center) मानकर किसी त्रिज्या (radius) से एक वृत्त (circle) खींचा जा सकता है।
* सभी समकोण (right angles) बराबर होते हैं।
* यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं पर इस प्रकार गिरे कि उसके एक ही ओर के दो अंतः कोणों (interior angles) का योग दो समकोण (180°) से कम हो, तो दोनों सीधी रेखाओं को अनिश्चित रूप से बढ़ाए जाने पर वे उसी ओर मिलती हैं जिस ओर दो कोणों का योग दो समकोणों से कम होता है।
इसके विपरीत यदि एक ही ओर के दो अंतः कोणों का योग दो समकोण के बराबर हो तो वे रेखाएँ कभी नहीं मिलती अर्थात समांतर (parallel) होती हैं।
* प्रमेय (theorem) - जिन कथनों का प्रयोग करके विभिन्न परिणामों को सिद्ध किया जाता है, प्रमेय (theorems) या साध्य (propositions) कहलाते हैं।
● दो अलग-अलग रेखाओं में एक बिंदु से अधिक उभयनिष्ठ बिंदु (common point) नहीं हो सकते यदि रेखाएँ संपाती (coincident) न हो।
* दो भिन्न प्रतिच्छेदी रेखाएँ (intersecting lines) कभी भी एक ही रेखा के समांतर नहीं हो सकती।
● पिरामिड (pyramid) - वह ठोस आकृति (solid shape) जिसका आधार एक त्रिभुज/वर्ग/बहुभुज होता है और इसके पार्श्व फलक (side faces) एक ही बिंदु पर मिलने वाले त्रिभुज होते हैं।
● 'वृत्त (circle) का व्यास (diameter) वृत्त को दो बराबर भागों में बाँटता है।' इस कथन की सबसे पहले उपपत्ति (proof) थेल्स नामक एक यूनानी गणितज्ञ (mathematician) ने दी प्रस्तुत की।
● पाइथागोरस ने पाइथागोरस प्रमेय (pythagoras theorem) की खोज की। वह थेल्स (Thales) का सबसे प्रसिद्ध शिष्य (disciple) था।
● पृष्ठ (surface) - ठोस की परिसीमाएँ (limitations) पृष्ठ कहलाती है।
● वक्र (curve) - पृष्ठों की परिसीमाएँ वक्र या रेखाएँ (lines) होती हैं।
● बिंदु (point) - रेखाओं के सिरों को बिंदु कहते हैं।
● ठोस (solid) की तीन विमाएँ (dimensions) होती हैं। एक पृष्ठ की दो विमाएँ और रेखा की एक विमा। इसीलिए ठोस को त्रिविमीय आकृतियाँ (3D Shapes) कहते हैं।
● यूक्लिड की परिभाषाएँ (Euclid's definitions) : -
* बिंदु (point) का कोई भाग नहीं होता है।* रेखा (line) वह लम्बाई है जिसकी कोई चौड़ाई (width) नहीं होती है।
* एक रेखा के सिरे बिंदु होते हैं।
* एक सीधी रेखा वह रेखा है जो स्वयं पर बिंदुओं के साथ सपाट (flat) रूप से स्थित होती है।
* पृष्ठ (surface) की केवल लम्बाई और चौड़ाई होती हैं।
* पृष्ठ के किनारे (edges) रेखाएँ होती हैं।
* समतल पृष्ठ (plane surface) वह पृष्ठ होता है जो स्वयं पर सीधी रेखाओं के साथ सपाट रूप से स्थित होता है।
● अभिधारणाएँ (postulates) - यूक्लिड की वे कल्पनाएँ जो विशिष्ट रूप से ज्यामिति (gemetry) से सम्बन्धित थी।
● अभिगृहीत (anxioms) - यूक्लिड की वे कल्पनाएँ जो गणित में लगातार प्रयोग होती रही और ये विशेष रूप से ज्यामिति से सम्बंधित नहीं थीं। इन्हें सामान्य अवधारणाएँ (general concepts) भी कहते हैं।
● यूक्लिड के कुछ अभिगृहीत (Euclid's anxioms) : -
* वे वस्तुएँ जो किसी एक वस्तु के बराबर हों परस्पर (mutually) बराबर होती हैं।* अगर बराबरों को बराबरों में जोड़ा जाए, तो पूर्ण (whole) भी बराबर होते हैं।
* अगर बराबरों को बराबरों से घटाया जाए, तो शेषफल भी बराबर होते हैं।
* संपाती वस्तुएँ परस्पर बराबर होती हैं।
* पूर्ण अपने भाग से बड़ा होता है।
* एक ही वस्तुओं के दोगुने (double) आपस में बराबर होते हैं।
* एक ही वस्तुओं के आधे आपस में बराबर होते हैं।
● यूक्लिड की कुछ अभिधारणाएँ (Euclid's postulates) : -
* दो बिंदुओं को मिलाने पर एक सीधी रेखा (straight line) खींची जा सकती है।* दो भिन्न बिंदुओं से होकर एक अद्वितीय रेखा (unique line) खींची जा सकती है।
* एक सांत रेखा (terminated line) को अनिश्चित रूप (uncertainty) से बढ़ाया जा सकता है।
* किसी बिंदु को केंद्र (center) मानकर किसी त्रिज्या (radius) से एक वृत्त (circle) खींचा जा सकता है।
* सभी समकोण (right angles) बराबर होते हैं।
* यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं पर इस प्रकार गिरे कि उसके एक ही ओर के दो अंतः कोणों (interior angles) का योग दो समकोण (180°) से कम हो, तो दोनों सीधी रेखाओं को अनिश्चित रूप से बढ़ाए जाने पर वे उसी ओर मिलती हैं जिस ओर दो कोणों का योग दो समकोणों से कम होता है।
इसके विपरीत यदि एक ही ओर के दो अंतः कोणों का योग दो समकोण के बराबर हो तो वे रेखाएँ कभी नहीं मिलती अर्थात समांतर (parallel) होती हैं।
* प्रमेय (theorem) - जिन कथनों का प्रयोग करके विभिन्न परिणामों को सिद्ध किया जाता है, प्रमेय (theorems) या साध्य (propositions) कहलाते हैं।
● दो अलग-अलग रेखाओं में एक बिंदु से अधिक उभयनिष्ठ बिंदु (common point) नहीं हो सकते यदि रेखाएँ संपाती (coincident) न हो।
● यूक्लिड की पाँचवी अभिधारणा के दो समतुल्य (equal) रूपांतरण : -
* प्रत्येक रेखा L और उस बिंदु P के लिए जो L पर स्थित न हो, एक अद्वितीय रेखा M होती है जो P से होकर जाती है और L के समांतर (parallel) होती है।* दो भिन्न प्रतिच्छेदी रेखाएँ (intersecting lines) कभी भी एक ही रेखा के समांतर नहीं हो सकती।
All Chapters Notes in Hindi Maths Class 9th
अध्याय 1 संख्या पद्धति
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण
अध्याय 5 यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय
अध्याय 6 रेखाएँ और कोण
अध्याय 7 त्रिभुज
अध्याय 8 चतुर्भुज
अध्याय 9 समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 हीरोन का सूत्र
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
अध्याय 2 बहुपद
अध्याय 3 निर्देशांक ज्यामिति
अध्याय 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण
अध्याय 5 यूक्लिड की ज्यामिति का परिचय
अध्याय 6 रेखाएँ और कोण
अध्याय 7 त्रिभुज
अध्याय 8 चतुर्भुज
अध्याय 9 समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल
अध्याय 10 वृत्त
अध्याय 11 रचनाएँ
अध्याय 12 हीरोन का सूत्र
अध्याय 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन
अध्याय 14 सांख्यिकी
अध्याय 15 प्रायिकता
Ukraine ki geometry ka Parichay
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