लघुत्तम समापवर्त्य और महत्तम समापवर्तक | LCM and HCF | परिभाषा और सूत्र

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आप पिछले आर्टिकल में अपवर्तक और अपवर्त्य के बारे में पढ़ चुके हैं, जिसमें बताया गया था कि अपवर्तक वे संख्याएँ होती हैं जो किसी संख्या को पूर्णतया विभाजित करती हैं जबकि अपवर्त्य वे संख्याएँ होती हैं जो किसी संख्या से पूर्णतया विभाजित होती हैं।

LCM and HCF

समापवर्त्य

समापवर्त्य दो शब्दों के मेल से से बना है (सम+अपवर्त्य) अर्थात समान अपवर्त्य। समापवर्त्य ऐसी संख्याएँ होती है जो दो या दो से अधिक संख्याओं से पूरी-पूरी विभाजित हो जाती हैं।

जैसे 3, 4 और 6 के समापवर्त्य 12, 24, 36, 48 ... हैं। अर्थात 12, 24, 36, 48 आदि ऐसी संख्याएँ हैं जो 3, 4 और 6 से पूरी तरह विभाजित हैं।

लघुत्तम समापवर्त्य

लघुत्तम का अर्थ होता है 'सबसे छोटा'। जैसा कि आप ऊपर देख चुके हैं कि दो या दो से अधिक संख्याओं के अनेक समापवर्त्य होते हैं। लेकिन लघुत्तम समापवर्त्य एक निश्चित संख्या होती है।

लघुत्तम समापवर्त्य दो या दो से अधिक संख्याओं का सबसे छोटा समापवर्त्य होता है।

          अथवा

लघुत्तम समापवर्त्य वह छोटी से छोटी संख्या होती है जो दो या दो से अधिक संख्याओं से पूरी-पूरी विभाजित हो जाती है।

जैसे 9 और 15 का लघुत्तम समापवर्त्य 45 है क्योंकि 45 ही वह छोटी से छोटी संख्या है जो 9 और 15 से पूरी तरह विभाजित है।

लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने की विधियाँ

गुणनखंड विधि : इस विधि में दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखंड ज्ञात करते हैं और गुणनखंडों को घात से प्रदर्शित करते हैं, फिर अधिकतम घात वाली संख्याओं को गुणा करते लेते हैं।

भाग विधि : इस विधि में दी गई संख्याओं को उभयनिष्ठ अभाज्य भाजकों द्वारा विभाजित किया जाता है तथा इस क्रिया को तब तक करते हैं जब तक शेषफल एक प्राप्त हो। इन अभाज्य भाजकों का गुणनफल ही दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य होता है।

भिन्नों का लघुत्तम समापवर्त्य

भिन्नों का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने के लिए सबसे पहले भिन्ने/संख्याएँ सम या विषम भिन्न के रूप में होनी चाहिए। फिर अंशों का लघुत्तम समापवर्त्य और हरों का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करते हैं। अंत में प्राप्त भिन्न ही लघुत्तम समापवर्त्य होती है।

दशमलव संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य

दशमलव संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करने के लिए सबसे पहले दशमलव संख्याओं को भिन्न में परिवर्तित करते हैं। फिर अंशों का लघुत्तम समापवर्त्य और हरों का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करते हैं। अंत में प्राप्त भिन्न को पुनः दशमलव संख्या में परिवर्तित करते हैं, यही दशमलव संख्या लघुत्तम समापवर्त्य है।

लघुत्तम समापवर्त्य के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

● लघुत्तम समापवर्त्य को संक्षिप्त में ल.स. कहते हैं।

● लघुत्तम समापवर्त्य को अंग्रेज़ी में Lowest Common Multiple या Least Common Multiple कहते हैं।

● यदि दी गई संख्याओं में सबसे बड़ी संख्या छोटी संख्याओं का अपवर्त्य है, तो वही उनका लघुत्तम समापवर्त्य होती है।

● यदि दी गई संख्याओं का 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखंड न हो, तो उनका गुणनफल ही लघुत्तम समापवर्त्य होता है।

समापवर्तक

समापवर्तक दो शब्दों के मेल से बना है (सम+अपवर्तक) अर्थात समान अपवर्तक। समापवर्तक ऐसी संख्याएँ होती हैं जो दो या दो से अधिक संख्याओं को पूरी तरह विभाजित करे।

जैसे 36 और 45 के समापवर्तक 1, 3 और 9 हैं। अर्थात 1, 3 और 9 ऐसी संख्याएँ हैं जो 36 और 45 को पूरी तरह से विभाजित करती हैं।

महत्तम समापवर्तक

महत्तम का अर्थ होता है 'सबसे बड़ा'। आपने ऊपर देखा कि दो या दो से अधिक संख्याओं के एक से अधिक समापवर्तक हो सकते हैं। लेकिन महत्तम समापवर्तक एक निश्चित संख्या होती है।

महत्तम समापवर्तक दो या दो से अधिक संख्याओं का सबसे बड़ा समापवर्तक होता है।

          अथवा

महत्तम समापवर्तक वह बड़ी से बड़ी संख्या होती है जो दो या दो से अधिक संख्याओं को पूरी तरह विभाजित करती है।

जैसे 63 और 45 का महत्तम समापवर्तक 9 है क्योंकि 9 ही वह बड़ी से बड़ी संख्या है जो 63 और 45 को पूरी तरह विभाजित करती है।

महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधियाँ

महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने आमतौर पर 2 विधियाँ हैं गुणनखंड विधि और भाग विधि। एक तीसरी विधि यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म है जो कक्षा 10 में पढ़ाई जाती है।

गुणनखंड विधि : इस विधि दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखंड करते हैं और जो गुणनखंड सभी में सर्वनिष्ठ (common) हों उनको आपस में गुणा कर लेते हैं।

जैसे 24 और 40 का महत्तम समापवर्तक

24 = 2 × 2 × 2 × 3

40 = 2 × 2 × 2 × 5

24 और 40 के अभाज्य गुणनखंड में सर्वनिष्ठ गुणनखंडों का गुणनफल 2 × 2 × 2 = 8 है। अतः 24 और 40 का महत्तम समापवर्तक 8 है।

भाग विधि : इस विधि में दी गई संख्याओं में से सबसे छोटी संख्या से उससे बड़ी संख्या में भाग देते हैं। अगर शेष शून्य बचता है तो भाजक ही महत्तम समापवर्तक होता है। लेकिन कोई संख्या शेष बच जाती है तो शेष से भाजक में भाग दिया जाता है और यह क्रिया शेष शून्य प्राप्त होने तक करते रहते हैं, इससे प्राप्त आखिरी भाजक ही दी गई संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होता है। अगर संख्या तीन हैं, तो प्राप्त महत्तम समापवर्तक और तीसरी संख्या के साथ इसी प्रकार भाग क्रिया की जाती है।

भिन्नों का महत्तम समापवर्तक

भिन्नों का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने के लिए सबसे पहले भिन्ने सम या विषम भिन्न के रूप में होनी चाहिए। फिर अंशों का महत्तम समापवर्तक और हरों का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करते हैं। अंत में प्राप्त भिन्न ही दी गई भिन्नों का महत्तम समापवर्तक होती है।

दशमलव संख्याओं का महत्तम समापवर्तक

दशमलव संख्याओं का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने के लिए सबसे पहले दशमलव संख्याओं को भिन्न में परिवर्तित करते हैं। फिर अंशों का महत्तम समापवर्तक और हरों का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करते हैं। अंत में प्राप्त भिन्न को पुनः दशमलव संख्या में परिवर्तित करते हैं, यही दशमलव संख्या महत्तम समापवर्तक है।

महत्तम समापवर्तक के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

● महत्तम समापवर्तक को संक्षिप्त में म.स. कहते हैं।

● महत्तम समापवर्तक को अंग्रेज़ी में Highest Common Factor या Greatest Common Divisor कहते हैं।

● यदि दी गई संख्याओं में सबसे छोटी संख्या अन्य संख्याओं का अपवर्तक है तो, वही संख्या उनका महत्तम समापवर्तक होती है।

● यदि दी गई संख्याओं का 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो, तो उनका महत्तम समापवर्तक 1 होता है।

LCM और HCF के सूत्र

● LCM × HCF = पहली संख्या × दूसरी संख्या

● LCM = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF

● HCF = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM

● पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या

● दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या

● भिन्नों का HCF = अंशों का HCF/हरों का LCM

● भिन्नों का LCM = अंशों का LCM/हरों का HCF

● भिन्नों का HCF = अंशों का HCF/हरों का LCM

● भिन्नों का LCM = अंशों का LCM/हरों का HCF

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